The Khabrilal Desk: जल जीवन मिशन की पेयजल परियोजना बुधवार को किसानों के लिए अभिशाप बन गई। मामला मैहर जिले के रामनगर विकासखंड अंर्तगत आने वाले बड़ा इटमा का है। यहां पर किसानों के खेतों से एक प्राईवेट कंपनी के द्वारा जबरन पाइप लाइन डालने का काम किया गया। बुधवार को इसके दुष्परिणाम भी सामने आ गए। पाइप लाइन फूटने से किसानों के खेत बिना बरसात ही जलमग्र हो गए। लगभग 40 से 50 एकड़ के खेत पूरी तरह से भर चुके हैं। ऐसे में खेतों में लगी गेहूं,चना,मसूर और अन्य तरह की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई।

बताया जाता है कि बीते मंगलवार को जल जीवन मिशन की सप्लाई लाइन चालू कर टंकियों को भरने का काम किया जा रहा था। इसी बीच किसान गीता देवी पाण्डेय के खेत के पास की पाइप लाइन फूट गई। जिससे पानी उनके खेत में भर गया। करीब 14 घंटे तक लाइन चालू रही जिससे आसपास के अन्य किसानों के खेत भी पानी में डूब गए। बताया जाता है कि पाइप लाइन फूटने से बलराम पयासी,रामदिनेश पयासी, विजय पयासी अजय बारी,अशोक द्विवेदी, संदीप त्रिपाठी, कुलदीप त्रिपाठी, रामभाई चतुर्वेदी,सदाशिव चतुर्वेदी, दिनेश सिंह, त्रिभुवन चतुर्वेदी और गंगा द्विवेदी के खेतों में पानी भर गया।
मौके पर पहुंचे तहसीलदार
प्राईवेट कंपनी के द्वारा किए गए घटिया काम से किसानों के खेतों में पानी भरने की सूचना पर तहसीलदार रामनगर ललित धार्वे और कंपनी के इंजीनियर मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने बताया कि किसानों के द्वारा सूचना दी गई थी। मौके पर काफी पानी भरा पाया गया। पटवारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रभावित खेतों का सर्वे करें और सूची बनाकर प्रस्तुत करें ताकि किसानों को राहत राशि दी जा सके।

विरोध के बाद भी डाली गई लाइन
बताया जाता है कि जिस वक्त पेयजल सप्लाई लाइन का काम एक प्राईवेट कंपनी के द्वारा किया जा रहा था तब किसानों ने इसका विरोध किया था। चूंकि यह लाइन प्रतिदिन चालू होती है, अधिकांश जगह पर गुणवत्तापूर्ण पाइप लाइन का इस्तेमाल नहीं किया गया ऐसे में हर समय फूटने का खतरा बना रहता है। अगर, इसी प्रकार से पाइप फूटती रही तो आसपास के किसानों को खेती करना मुश्किल हो जाएगा।