सामान्य सम्मेलन की बैठक: अमृत सरोवरों की जांच करेगी कमेटी
Satna: जिला पंचायत सतना (Zila Panchayat Satna) में आयोजित सामान्य सम्मेलन समिति की बैठक हंगामे से शुरू हुई। सदन में बैठक शुरू होते ही कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने फंड नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए धरना दे दिया। जिला पंचायत सदन के बाहर सदस्यों ने डेरा जमा लिया। हालांकि कुछ मिनट के बाद बैठक में उपस्थिति हुए और चर्चा में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान एजेंडे पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में अब यह तय किया गया कि बैठक 20 फरवरी को होगी। इस दौरान अमृत सरोवरों की जांच कराने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। जिसमें जिला पंचायत के क्षेत्रीय सदस्य को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा जिले की करीब 75 हजार खाद्यान्न पर्चियों की जांच कराने को भी कहा गया।

जिला पंचायत में आयोजित सामान्य सम्मेलन समिति की बैठक (general conference committee meeting) मंगलवार को हंगामे से शुरू हुई। सदन में बैठक शुरू होते ही कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने फंड नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए धरना दे दिया। जिला पंचायत सदन के बाहर सदस्यों ने डेरा जमा लिया। हालांकि कुछ मिनट के बाद बैठक में उपस्थिति हुए और चर्चा में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान एजेंडे पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में अब यह तय किया गया कि बैठक 20 फरवरी को होगी। इस दौरान अमृत सरोवरों की जांच कराने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। जिसमें जिला पंचायत के क्षेत्रीय सदस्य को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा जिले की करीब 75 हजार खाद्यान्न पर्चियों की जांच कराने को भी कहा गया।
बैठक में मुख्य रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री संजना जैन , उपाध्यक्ष श्रीमती सुष्मिता सिंह ,सभापति संचार संकर्म ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू , सभापति रामाकांत पयासी , संजय सिंह, सर्व सदस्य एकता अनूप सिंह, जयंती महेश तिवारी,आरती चौधरी, जान्हवी यादव, संध्या सिंह, सावित्री त्रिपाठी, लक्ष्मी मवासी, महेंद्र सिंह, ईई आरईएस अश्वनी जैसवाल, डीईओ टीपी सिंह संबंधित विभाग के अधिकारी व जिला पंचायत के प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।

जीएम नहीं बता पाए कब मिलेगा पानी
जल जीवन मिशन के जीएम सदन के अंदर पानी उपलब्धता की जानकारी नहीं दे सके। बताया जाता है कि सदस्यों ने उनसे सवाल किया था कि सतना जिले के ग्रामीण इलाकों में सप्लाई का पानी कब मिलेगा? जिसके जवाब में जीएम ने नया होने का हवाला देते हुए
सदस्यों ने लगाया भेदभाव का आरोप
बैठक की शुरुआत में ही सदस्यों ने अपने क्षेत्र के फंड की जानकारी मांगी। जब अध्यक्ष और सीईओ संजना जैन ने एजेंडे पर चर्चा करने का आग्रह किया तो नाराज महिला सदस्यों ने फंड वितरण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीईओ को पुलिस बुलानी पड़ी, जिससे सदस्य और अधिक नाराज हो गए। महिला सदस्यों का आरोप था कि भोपाल से आने वाले बजट का समान वितरण नहीं हो रहा है। कुछ वार्डों में 25-30 लाख रुपए के काम हो रहे हैं, जबकि कुछ वार्डों को एक रुपया भी नहीं मिला। वार्ड 22 की सदस्य एकता सिंह ने बताया कि ढाई साल में उनके क्षेत्र को कोई बजट नहीं मिला।

एक दिन पहले से ही थी तैयारी
इस विवाद की जड़ें एक दिन पहले ही दिखाई दी थीं, जब जिला पंचायत सदस्य सावित्री त्रिपाठी के प्रतिनिधि रितेश त्रिपाठी ने एक वीडियो जारी कर इसी तरह के आरोप लगाए थे। करीब एक घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष राम खेलावन कोल के हस्तक्षेप से सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन वार्ड 19 की सदस्य जाह्नवी यादव और एकता सिंह अपने क्षेत्रों के बजट पर चर्चा की मांग पर अड़ी रहीं। दरअसल, इस पूरे मामले में जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि रितेश त्रिपाठी ने बताया कि जिला पंचायत में अधिकांश सदस्य भाजपा समर्थित हैं। फंड मुंह देख कर अलॉट किया जा रहा है। लिहाजा कई वार्डों में ढाई साल में कुछ काम ही नहीं हुए। सरपंच डायरेक्ट फंड ले जाते हैं, जिसकी जानकारी जिला पंचायत सदस्यों को नहीं दी जाती है।