ठेका कंपनी ने दिया नकद मुआवजा तब बनीं सहमति
Canal Accident: मैहर जिले के रामनगर थाना अंर्तगत आने वाले नौगांव नंबर 4 में हुए नहर (Canal) मैहर जिले के रामनगर थाना अंर्तगत आने वाले नौगांव नंबर 4 में हुए नहर हादसे के दौरान जान गवाने वाले बैजनाथ यादव के परिजनों ने 22 घंटे तक हंगामा किया। करीब नौ लाख रुपए की आर्थिक मदद दिए जाने के बाद परिजनों ने घटनास्थल से शव उठाया। इस दौरान मैहर जिले की कलेक्टर और एसपी को मौके पर पहुंचना पड़ा।
हादसे के दौरान जान गवाने वाले बैजनाथ यादव के परिजनों ने 22 घंटे तक हंगामा किया। करीब नौ लाख रुपए की आर्थिक मदद दिए जाने के बाद परिजनों ने घटनास्थल से शव उठाया। इस दौरान मैहर जिले की कलेक्टर और एसपी को मौके पर पहुंचना पड़ा।

दरअसल मौत के बाद से ग्रामीण नाराज थे। सभी मुआवजे की मांग पर अड़े थे। स्थानीय पुलिस प्रशासन रात में उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा था,लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए। सुबह भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची और भीड़ को हटाने के लिए माइकिंग शुरू की। इसके बाद परिजन और भड़क गए और वहां से जाने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद कलेक्टर रानी बाटड़,एसपी सुधीर अग्रवाल सहित परिजनों के पक्ष में कुछ राजनैतिक लोग पहुंच गए। जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें संबल योजना का लाभ देने को कहा। मगर, इस बात से भी परिजन सहमत नहीं हुए। अंतत: ठेकेदार को बुलाया गया और नकद पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। इसके अलावा संबल योजना के तहत मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपए देने की सहमति दी गई तब जाकर परिजन माने और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।

अफसरों के साथ ही राजनैतिक लोगों ने डाला डेरा
बताया गया है कि रामनगर थाना क्षेत्र के नौगांव नंबर 4 में बैजनाथ यादव की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश को देखते हुए पूरा जिला प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा था। वहीं राजनीतिक लोगों ने भी डेरा डाल दिया था। भाजपा-कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने परिजनों का समर्थन किया। जिसके बाद ठेकेदार को मौके पर आना पड़ा। बताया जाता है कि गांव में जारी हंगामे को शांत करने में भाजपा जिला उपाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता सूरज,अमरपाटन विधायक डॉक्टर राजेंद्र कुमार सिंह के सुपुत्र एवं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव विक्रमादित्य सिंह (गिनी), कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने कई दौर की बातचीत की। जिसके बाद परिजन शव उठाने को राजी हुए और पोस्टमार्टम कराया गया।

क्या था मामला
उल्लेखनीय है कि बाणसागर की बहुती नहर परिजनों का निर्माण कार्य मेंटोना कंपनी के द्वारा कराया जा रहा था। निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी की खुदाई का काम किया जा रहा था। जहां पर ग्रामीण बैजनाथ यादव सहित ठेकेदार और उसके कर्मचारी मौजूद थे। इसी दौरान गुरूवार की शाम मिट्टी धसकने से सभी मलबे में दब गए। चूंकि बांकी के लोग एक गाड़ी में थे, लिहाजा वे मिट्टी की चपेट में आने से बच गए थे वहीं बैजनाथ की मौत हो गई थी। ठेकेदार के कर्मचारी उसे यथास्थिति में छोड़कर भाग गए जिससे परिजन भड़क गए और मुआबजे की मांग पर अड़ गए।