बीआरसी सहित हेडमास्टरों को जिला पंचायत सीईओ ने जारी की नोटिस
एएमएस पोर्टल में रिपोर्टिंग से पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
The Khabrilal News Desk: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में एक बार फिर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। सतना जिले के उचेहरा, रामपुर बघेलान और मझगवा विकासखंड की लगभग 36 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में अवकाश के दिनों में भी मध्यान्ह भोजन वितरित किए जाने का मामला सामने आया है। यह गड़बड़ी जिला पंचायत सीईओ ने पकड़ी। स्कूलों के द्वारा एएमएस पोर्टल में रिपोर्टिंग दर्ज की गई थी। जिसके बाद फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई। जिला पंचायत सीईओ ने इस मामले में तीनों विकासखंड के बीआरसी तथा 36 स्कूलों के हेडमास्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत जिले के सभी सरकारी तथा अनुदान प्राप्त स्कूलों में भोजन वितरित किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में समूहों के माध्यम से तथा से शहरी क्षेत्रों में केंद्रीयकृत रसोई से भोजन तैयार कर दिया जाता है। भोजन वितरित करने की रिपोर्टिंग भारत सरकार के एएमएस पोर्टल में स्कूलों के माध्यम से की जाती है। इसी रिपोर्टिंग के आधार पर समूहों को राशि और खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन तमाम स्कूलों के द्वारा अवकाश के दिनों में भी मध्यान्ह भोजन वितरित किए जाने की जानकारी साझा कर अफसरों का माथा चकरा दिया है। इससे पहले भी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा हुआ था,जिसके बाद पूरे प्रदेश में सतना जिले की भद्द पिटी थी।
बीआरसी सहित हेडमास्टरों को नोटिस जारी
जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने मझगवा के बीआरसी को नोटिस जारी किया है। इनके यहां एक विद्यालय में अवकाश के दिन की फीडिंग हुई है। कन्या प्राथमिक शाला मझगवा के हेडमास्टर ने 15 छात्रों को अवकाश के दिनों में भोजन वितरित करने की गड़बड़ी की है। इसके अलावा उचेहरा के बीआरसी को भी नोटिस जारी की गई है। यहां पर दो स्कूलों ने गड़बड़ी की है। प्राथमिक शाला उरदनी में शून्य और प्राथमिक शाला भरहुत में 447 छात्रों को भोजन वितरित किया गया है। इसके अलावा रामपुर बघेलान के बीआरसी तथा 33 स्कूलों को नोटिस जारी की गई है।
शीतकालीन अवकाश में बंटा भोजन
जिले की सभी सरकारी स्कूलों में 1जनवरी 2025 से 4 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश जारी किया गया था। बच्चे घर में थे इसके बाद भी सतना मिड डे मील वितरण किया गया। इसके पहले भी इस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ था। हालांकि उन दिनों प्रभावी तरीके से कार्यवाही नहीं हुई जिसके चलते पुनः फर्जीवाड़ा हुआ।