योगी सरकार मदरसों को लेकर काफी सख्त ! नए शासनादेश में बड़ा बदलाव,मदरसा संचालको में हड़कंप

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रिपोर्ट : सोनू सेठ

आजमगढ़ : प्रदेश सरकार ने अब गैर अनुदानित मदरसों पर भी नकेल कसनी शुरू कर दी है। पहले केवल अनुदानित मदरसे ही सरकार को हिसाब-किताब देने के लिए बाध्य थे, लेकिन नये शासनादेश के तहत अब गैर अनुदानित मदरसे भी सरकार को अपना हिसाब किताब देगें। हांलाकि सरकार की इस फरमान से कुछ मदरसा संचालक खुश भी है, तो कुछ नाराज भी है।

प्रदेश में गैरअनुदानित मदरसो में अपराधिक गतिविधियों को देखते हुए अब सरकार ने नया शासनादेश जारी किया है। जिसके तहत सरकार ने गैर अनुदानित मदरसा संचालको से भी मदरसे में शिक्षकों और छात्रो ंकी संख्या, व्यवस्था आदि का हिसाब -हिसाब मांगा है। इस पर आजमगढ़ जिले के मदरसा संचालको की राय अलग-अलग है। मदरसा संचालक मोहम्मद मेंहदी कहते है। इसमें हमको ही नहीं किसी भी मदरसा संचालक को हिसाब-किताब देने में दिक्कत नहीं है। जहां तक मदरसों में अपराधिक गतिविधियों की बात है तो इसमें सरकार को जांच करानी चाहिए कि कहीं उस मदरसे को बदनाम करने के लिए किसी ने साजिश तो नहीं रची है। वहीं एक अन्य मदरसा संचालक सरकार के इस फैसले से नाराज है उनका तर्क है जो अनुदानित है, वे हिसाब किताब दें। लेकिन तमाम मदरसे जो पचासों वर्षो से संचालित हो रहे है। उनके संचालक सरकार के इस ताम-झाम और कागजी कार्रवाई से बचने के लिए वे अपने मदरसे को अनुदान की सूची में जानबूझ कर नहीं करवाये। यह सरकार का काम है कि वह अपने लोगों से पता लगाये कि कौन-कौन मदरसे ऐसे है जहां गलत कार्य हो रहे है।