KHABRI LAL : पूर्वांचल के हाईटेक जेल में भ्रष्टाचार का टॉवर फुल,मातहतों की बढ़ती जा रही मुश्किलें

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रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय

आजमगढ़ : आखिर जेल की व्यवस्था कैसे सुधरेगी, जब जेल अधीक्षक ही भ्रष्ट्राचार में लिप्त हो। जी हां, ये हम नहीं कह रहे बल्कि जेल अधीक्षक के ही मातहत जेल अधीक्षक पर भ्रष्ट्राचार व तानाशाही का आरोप लगाते हुए शनिवार को जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत दर्ज करायी। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि सूबे के मुखिया जहां जेल की व्यवस्था को दुरूस्त करने में जुटे है व माफियाओं पर शिकंजा कस रहे है। तो वही मातहतो का यह गंभीर आरोप सीएम योगी के भ्रष्ट्राचार पर जीरो टारलेंस की पोल खोल रहा है।

बताते चलें कि बीते माह जनवरी में मऊ के मोहम्मदाबाद के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की प्रदेश की राजधानी में गोली माकर हत्या के बाद आजमगढ़ जिला कारागार में निरूद्व माफिया कुंटू सिंह और अंखंड प्रताप सिंह का नाम सामने आया था। जिसके बाद जिला कारागार एक बार फिर से सुर्खीयों में था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने फरवरी माह में तत्कालीन जेल अधीक्षक आरके मिश्रा को हटाकर विनोद कुमार को नया जेल अधीक्षक बनाया। चार्ज लेते ही जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने जेल व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किये थे लेकिन उन दावों की पोल उस समय खुल गयी जब उन्ही के बंदी रक्षकों ने जेल अधीक्षक व जेल के अंदर चल रहे खेल की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंच गये। जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंचे सभी बंदी रक्षको का अलग-अलग जेलो में स्थानांतरण किया गया है। स्थानांतरण व कार्यमुक्त होने के बाद बंदी रक्षक आक्रोशित हो गये और जेल अधीक्षक विनोद कुमार पर भ्रष्ट्राचार व वेतन की स्वीकृति करने के नाम पर एक-एक हजार रूपये की मांग करने का आरोप लगाया। वही जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बंदी रक्षकों के आरोप को निराधार बताया और कहा कि मख्यालय से ही बंदी रक्षको का स्थानातण हुआ है। बंदी रक्षको का आचरण सही नहीं था। इसलिए कारागार मुख्यालय से बंदी रक्षकों का स्थानांतरण हुआ है। जिन्हे कार्य मुक्त कर दिया गया है।