
रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय
आजमगढ़ : संपत्ति को लेकर जिंदा को मुर्दा साबित करने का तो अब तक कई मामला सामने आ चुका है लेकिन अब पंचायत की सत्ता हासिल करने के लिए भी यह खेल शुरू हो गया है। जिले के पूरारामजी गांव में प्रधान ने बीएलओ से सांठगांठ कर अपने 409 विरोधियों को मृत बताकर मतदाता सूची से नाम विलोपित करा दिया। जब इसकी जानकारी गांव वालों को हुई तो वे साहब मैं जिंदा हूं का पोस्टर लेकर सड़क पर उतर गए। मामला प्रशासन के संज्ञान में आया तो जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव की खुली बैठक बुलाकर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। एसडीएम सहित तमाम आलाधिकारी मौके पर डंटे हुए हैं।
मामला फूलपुर तहसील क्षेत्र के पवई ब्लाक के पूरारामजी गांव का हैं। यहां मतदाता सूची पुनिरीक्षण कार्यक्रम के दौरान 409 लोगों को मृतक दिखाकर उनका नाम मतदाता सूची से हटवा दिया गया। जबकि कुछ बालिग लोगों को नाबालिग, अविवाहित लड़कियों को विवाहित बताकर उनका भी नाम सूची से विलोपित करा दिया गया। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो उनके होश उड़ गए। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग हाथ में पोस्टर लेकर एसडीएम दफ्तर पहुंच गए। मामला संज्ञान में आया तो जिलाधिकारी ने भी इसे गंभीरता से लिया और गांव में खुली बैठक बुलाकर मामले की जांच का निर्देश दिया। इसके बाद गुरुवार को गांव में खुली बैठक बैठक बुलाई गयी। एसडीएम सहित तमाम अधिकारी मामले की जांच के लिए बाहर पहुंचे तो 409 लोग हाथ में साहब मैं जिंदा हूं का पोस्टर लेकर मौके पर पहुंच गए।
पीड़ित शिवशंकर यादव, राजधारी, संतलाल, राजकिशोर, राजेंद्र, प्यारे, राम कुमार, करमचंद यादव आदि का आरोप है कि प्रधान ने बीएलओ के साथ मिलकर साजिश की और 409 लोगों को मृतक दिखाकर उनका नाम मतदाता सूची ने कटवा दिया। ताकि वह आसानी से चुनाव जीत जाए। उनका नाम सूची में जुड़ना चाहिए तथा बीएलओ और प्रधान के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस मामले में एसडीएम फूलपुर का कहना है कि गांव के 409 लोगों को मृत अथवा अन्य कारण दिखाकर सूची से नाम कटवाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। जांच में अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।