जिला अस्पताल के वार्ड में तड़पता रहा मरीज,नहीं आये डॉक्टर

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रिपोर्ट : ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी

आजमगढ़ जिला चिकित्सालय की पोल आज उस समय खुल गयी जब मार्ग दुघर्टना में गंभीर रूप से चार घायलों को भर्ती कराया गया। आलम यह रहा कि अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए एक भी डाक्टर नहीं मिलें। इतना ही नहीं सूचना के घंटो बाद जब डाक्टर इमरजेन्सी में नहीं पहुंचे तो परिजन घायलों को निजी चिकित्सालय मे ले जाने लगे और अस्पताल में घायलों को स्ट्रेचर भी नहीं मिला। निजी एम्बुलेंस के हैंड स्ट्रेचर से किसी तरह से घायलों को एम्बुलेंस में पहुंचाया गया।

आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाने के समीप एनएच-233 पर सफारी वाहन और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गयी। इस दुघर्टना में सफारी वाहन में सवार चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। जिन्हे पुलिस ने उपचार के लिए जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी में भर्ती कराया। लेकिन अस्पताल में घायलों को उपचार करने के लिए डाक्टर ही गायब रहे। घायलों को कम्पाउन्डर और नर्सो ने प्राथमिक उपचार किया। बावजूद इसके घंटो बाद तक जब डाक्टर नहीं पहुचे तो परिजनों ने घायलों को निजी चिकित्सालय ले गये। इतना ही नहीं घायलों को ले जाने के लिए अस्पताल परिसर में स्ट्रेचर ही नही था। किसी तरह से निजी एम्बुलेंस कि हैंड स्ट्रेचर से घायलों को एम्बुलेंस तक पहुचाया गया। घायलों में दिनेश चंद्र पाण्डेय उनके जीजा गिरीश कुमार दुबे दोस्त गौरव पाण्डेय और ड्राइवर शामिल हैं। सभी फ़ैजाबाद के निवासी बताये गए हैं। जिसमे गिरीश की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसका शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं एसओ कंधरापुर शिवशंकर सिंह ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को इलाज के लिए एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को कब्जे में लेकर चालक की तलाश किया है।
वही अस्पताल में घंटो बाद मौके पर पहुंचे आई सर्जन डॉ ओमप्रकाश ने सफाई देते हुए खबरी लाल से कहा कि ऐसा नही है । अस्पताल में 24 घंटे डाक्टर उपलब्ध रहते है।