352 करोड़ के प्रोजेक्ट में गहराया संकट
MP News In Hindi : बाणसागर बांध की बहुती नहर परियोजना पर संकट के बादल मडऱाने लगे हैं। जिस प्रकार से नहर का निर्माण कार्य चल रहा है उसमें भ्रष्टाचार की परत साफ दिखाई देने लगी है। जल संसाधन विभाग की देखरेख में चल रहे काम का यदि यही हाल रहा तो प्रोजेक्ट पूरा होना भी दूर की कौड़ी साबित हो सकता है। आलम यह है कि नगर परियोजना का लाभ पाने वाले पहले गांव डागा में ही नहर के परखच्चे उड़ चुके हैं। प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर और ठेकेदार के द्वारा किया गया काम शुरूआत के साथ ही ढह गया है। ऐसे में नहर अपने अंजाम तक कब पहुंचेगी? इस पर संशय बना हुआ है। बताया जाता है कि तीन जिलों के 65 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए बनाई गई नहर परियोजना की शुरुआत तत्कालीन शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुआ था। लगभग 352 करोड़ की लागत से बनने वाली नहर परियोजना को अंतिम रुप साल 2019 में दिया जाना था। लेकिन लगभग छह साल की देरी के बाद भी नगर का काम पूरा नहीं हो पाया।
बहुती नहर परियोजना का प्रोजेक्ट पूरा करने का जिम्मा जल संसाधन विभाग को मिला हुआ है। अधिकारियों ने जिस प्रकार से निर्माण किया गया है उसकी लाइनिंग टूटकर बिखर गई है। निर्माण पूरा होने से पहले ही नहर मेंटीनेंस मांग रही है। इस पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं है। वहीं किसानों का कहना है कि यदि इसी प्रकार से नहर का काम किया जाएगा तो उनके खेतों की सिंचाई भला कैसे होगी?

कब पूरी होगी नहर
मैहर जिले के रामनगर एवं अमरपाटन क्षेत्र के 46 गांवों की 19 हजार 600 एकड़ रकबा में सिंचाई सुविधा देने वाली बहुती नहर का लाभ किसानों को कब मिलेगा। बहुती नहर बाणसागर बांध से मैहर जिले के डागा गांव से होती हुई छुहिया घाटी के टनल द्वारा अमरपाटन विकासखंड होते हुए रीवा तक जाना है।। नहर परियोजना का काम कितनी तेजी से चल रहा है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जो का मार्च 2019 तक पूर्ण होने वाला था वह 2025 में भी पूरा नहीं हो सका।

इन गांव को मिलना है नहर का लाभ
इस सिंचाई परियोजना के बन जाने से ग्राम आनंदगढ़ (निमहा), ललितपुर नंबर एक (कंदहली), ललितपुर नंबर दो, सिंधौली, ताला, अजवाईन, जमुना, करौंदी, भडरा, बिछियाकला, विधुईकला, रामगढ, कोतर, शुकुलगवा, पडरी, करतरा, कुसमहट, भडरी, नौसा, घुईसा, मगराज, डोमा, कठहा, लोखरी, मझगवां, इटमा खजुरी, खडगडा, पोंडीकला, पोंडीखुर्द, तुर्की गोसाई, ऐडा, तुर्की मनमोहन, बिगौडी, बंदरखा, बछरा, सन्नेही सिंगटी, सन्नेही बोधाली, झिन्ना कोठार, झिन्ना, नकटी, खजुरी सुखनंदन, गुजारा, डिठौंरा, टेडवा, भदवा, जगहथा ग्रामों की 19 हजार 613 एकड़ भूमि सिंचित होगी।