
रिपोर्ट : प्रिंस यादव
आजमगढ़ : तमसा नदी के ग्रीनलैंड में बसे लोगों के मकान को खाली कराने के लिए एडी से चोटी का जोर लगाने वाला एडीए कई वर्ष बाद भी ग्रीनलैंड को खाली नहीं करा सका। लेकिन मूसलाधार बारिश से अपने उफान पर चल रही तमसा नदी के जद में ग्रीनलैंड क्षेत्र में बने मकान डूब गये और लोग आनन-फानन में अपना सामान समेट कर भाग रहे है। वही तमसा नदी के बढ़ जाने से शहर के रेगुलेटरों को बंद होने से नगर के बागेश्वर नगर, कोलघाट और कोलबाजबहादुर मुहल्लों में एक-एक मीटर तक पानी लगा है। जिससे लोग परेशान है।
ग्रीनलैंड में बना मकान
ये तस्वीरे है नगर के नरौली, सिधारी और मडया जरामपुर इलाके की। जहां लोगों ने तमसा नदी के किनारे ग्रीन लैंड में एडीए की लापरवाही से अपना आशियान बना लिया। एडीए कई वर्षो से ग्रीन लैंड को खाली करा रहा है लेकिन एक मकान को खाली करा जमीदोज करता है। तब तक दस मकान खड़े हो जाते है। लेकिन शुक्रवार की रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद तमसा नदी पिछले 14 वर्षो के रिकार्ड को छूने का आतुर हो गयी। जिसके कारण नदी का पानी ग्रीनलैंड में बने घरों में घुसने लगे तो लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। लोग पहले रात में पहले तल पर चढ़कर अपनी जांन बचाई। कुछ तो सड़क पर आ गये। यही नही जान बचाने के लिए लोग अपने सामान को छोड़कर भाग खड़े हुए है।
वही यह नगर के बागेश्वर नगर, कोलघाट और कोलबाजबहादुर की तस्वीरे है। इन मुहल्लों में पानी लगने की सबसे बड़ी वजह है। तमसा नदी के बढ़ जाने से करीब आधे शहर का पानी इन्ही मुहल्लों से होकर गुजरने वाले नाले से तमसा नदी में जाता है। लेकिन तमसा नदी के बढ़ जाने के कारण रेगुलेटरों को बंद कर दिया गया है। जिससे इन मुहल्लों में बाढ़ जैसे हालात हो गये। इन इलाको की सड़को पर चार फिट से लेकर पांच फिट तक पानी लगा है और लोगों के मकानों में पानी जा रहा है। मुहल्लेवासियों का कहना है कि कि अगर प्रशासन ने पानी निकासी कोई बैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई और अगर आज भी बरसात हो गयी तो ये मुहल्ले बरसात के पानी से डूब जायेगें।