KHABRI LAL : पिता की विरासत संभालेंगे शैली,सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने सौंपी बड़ी जिम्मेेदारी

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रिपोर्ट : प्रिंस यादव

आजमगढ़ : सुन्नी सेंट्रल बफ्फ बोर्ड आजमगढ़ ने शहर के किला कोट निवासी हाशिर आफताब खान शैली को शहर की जामा मस्जिद, ईदगाह व इससे संबधित संपत्तियों की देखभाल के लिए गठित समिति का सचिव (शहर मोतवल्ली) चुना है। उन्होंने संपत्तियों की सुरक्षा के साथ ही मदरसों में बेहतर शिक्षण व्यवस्था तथा इनके आधुनिकीकरण को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताई है। इससे पहले यह जिम्मेदारी शैली के पिता डा. आफताब आलम शैली संभालते थे। उनके निधन के बाद अब बोर्ड ने शैली पर भरोसा जताते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी है।
कोट किला स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए आफताब ने कहा कि बोर्ड ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका वे पूरी निष्ठा से पालन करेंगे। कौम के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए मदरसों की शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। हमारा प्रयास होगा कि इनका आधुनिकीकरण है और उन्हें ऐसे शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जाय जहां दीनी तालीम के साथ ही बच्चे हिंदी अंग्रेजी की भी बेहतर शिक्षा हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि मरकज के अधूरे काम जो मेरे वालिद का सपना था उसे पूरा करने का प्रयास करूंगा।
इस दौरान उन्होंने सीएए पर भी खुलकर बात की और कहा कि सीएए इसलिए असंवैधानिक है क्योंकि हमारे देश में पहले से नागरिकता का कानून है। किसी जाति धर्म के नाम पर आप नागरिकता नहीं दे सकते हैं। यह संविधान के खिलाफ है। अगर कोई दूसरे मुल्क से शणरार्थी आता है तो उसका स्वागत होना चाहिए चाहे वह किसी धर्म का हो। उन्होंने कहा कि देश में इस मुद्दे पर कई जगह टकराव की स्थिति बनी है लेकिन यह ठीक नहीं है। सरकार से टकराव नहीं होना चाहिए बल्कि इस मुद्दे पर बात होनी चाहिए। सरकार को भी चाहिए कि अगर किसी कन्युनिटी से कोई बात आती है तो उस पर विचार करे। बातचीत कर उनका जो अंदेशा है उसे दूर करे। यह देश के हर व्यक्ति का अधिकार है कि अगर कोई बात उसे समझ में नहीं आती तो प्रोटेस्ट कर सकता है। संविधान हमें इस बात का अधिकार देता है।