
आशीष तिवारी (संपादक)
आजमगढ़ : यूपी की कमान संभालने के बाद से ही प्रियंका गांधी खोए हुए जनाधार की तलाश में जुट गयी हैं। छोटा-बड़ा कोई भी मामला होने पर वहां किसी न किसी माध्यम से अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज करा रही हैं। आजमगढ़ जिला सपा और बसपा का गढ़ माना जाता है। बीते 13 जून को गंभीरपुर थाने के उबारपुर गांव में भाजपा के लालगंज जिलाध्यक्ष ऋषिकांत राय पप्पू के बेटों और परिवार वालों द्वारा गांव के दलित मजदूरों की पीटाई कर दी गयी थी। इस मामले में पीड़ितो को न्याय दिलाने के लिए अब तक कोई भी संगठन मौके पर नहीं पहुंचा। यहां तक कि अपने ही गढ़ में सपा-बसपा सुस्त दिखी। इस बात का प्रियंका गांधी ने भरपूर लाभ उठाया और अपना एक प्रतिनिधि मंडल आजमगढ़ भेजकर ना सिर्फ खुद की उपस्थिति दर्ज़ कराई बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने का आश्वासन भी दिया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर आज छ़: सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल आजमगढ़ जिले के गम्भीरपुर थाना क्षेत्र के उबारपुर गांव में भेजा गया था। इनमे उत्तर प्रदेश एससी प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रदीप नरवाल, आलोक प्रसाद प्रदेश अध्यक्ष एससी प्रकोष्ठ, भगवती चौधरी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एससी प्रकोष्ठ, प्रवीण कुमार सिंह जिला कांग्रेस कमेटी आजमगढ़, पंकज मोहन सोनकर लोकसभा प्रत्याशी पीड़ित मजदूरों के घर पहुंचे जहां यह लोग उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान पीड़ितों ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष व उनके बेटों,भाई और भतीजों द्वारा हमें बुरी तरह मारा-पीटा गया व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गालियां दी गई। वे लोग औरतों तक को नहीं बख्शा। गंभीरपुर थाना में जाने पर पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा दलितों का अपमान किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट जो लिखी गई थी। उसे फड़वा कर भाजपा अध्यक्ष का नाम हटाने का दबाव बनाते हुए दूसरा प्रार्थना पत्र लिखवा कर मुकदमा लिखा गया। मुकदमे में सामान्य धाराएं लगाई गई। प्रभारी एससी प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश प्रदीप नरवाल ने कहा सूबे की योगी सरकार दलितों का उत्पीड़न करवा रही है। स्वयं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी दलितों पर अत्याचार करा रहे हैं। सरकार उनको बचाने का काम कर रही है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अपनी दमनकारी नीति छोड़ दें। उन्होने कहा की उबारपुर के लोगों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। न्याय न मिलने तक आपके संघर्षों में आपके साथ रहेंगे। गुरुवार को इस मामले में डीएम से मिलकर यह मांग करेंगे की आरोपियों पर सुसंगत धाराएं लगाई जाए। जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके।