KHABRI LAL : मौत के डॉक्टर को ढ़ेर करने के मामले में फस गयी योगी की एनकाउंटर पुलिस,दर्ज़ होगा एफआईआर

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रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय

लखनऊ : राजधानी में हुए पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ़ डॉक्टर की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। जहां सीजीएम कोर्ट ने मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज की जाएगी। पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू की जाएगी। सीजीएम कोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

बता दें कि पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा की पुलिस रिमांड के दौरान मुठभेड़ में मौत को लेकर न्यायिक कार्रवाई में कोर्ट में झूठे तथ्य देने और कमिश्नर डीके ठाकुर, डीसीपी संजीव सुमन, एसीपी प्रवीण मालिक और थानाध्यक्ष विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। जिस पर जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के लिए सीजेएम से रिपोर्ट तलब की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीजेएम 24 फरवरी की शाम तक रिपोर्ट देकर बताएं कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एनकाउंटर में कौन से हथियार प्रयोग किए गए। घटना की तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर कोर्ट को भेजा गया। कोर्ट ने कहा कि यह आवश्यक हो गया है कि परिवादी की अर्जी में लगाये गए आरोप की चंद्रशेखर सिंह व आरोपियों ने न्यायिक कार्रवाई में झूठे तथ्य दिए हैं कि जांच कराई जाए या नहीं। इसके पहले परिवादी राकेश विश्वकर्मा के वकील प्रांशु अग्रवाल ने अर्जी देकर बताया कि आरोपियों ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया है। कहा गया कि आरोपी मामले की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रहे वहीं रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर थानाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने बिना कारण दर्शाए रिपोर्ट देने के लिए सीजेएम से एक सप्ताह के समय की मांग की है। वहीं सीजेएम को गाइडलाइंस के अनुसार, इस एनकाउंटर की सूचना भी नही दी गई। आरोपियों ने झूठे शपथपत्र भी दिए हैं लिहाजा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।