
रिपोर्ट : प्रिंस यादव
आजमगढ़ : बालिका सुरक्षा जागरूकता माह के तहत डीआईजी आजमगढ़ परिक्षेत्र की अध्यक्षता में पुलिस लाइन सभागार में ’द सेक्सुअल हैरेसमेंट वूमेन अट वर्कप्लेस प्रीवेंशन प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल एक्ट 2013’ के प्रावधानों के तहर पुलिस लाइन सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें यौन हिंसा और अपराधों से जुड़े मामलो पर चर्चा की गयी गयी। इस दौरान यौन हिंसा के कानूनों की बारिकीयों की भी जानकारी दी गयी।
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित ’द सेक्सुअल हैरेसमेंट वूमेन अट वर्कप्लेस प्रीवेंशन प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल एक्ट 2013’ की कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों के साथ बैंकों में कार्यरत महिलाएं, सामाजिक संगठन, निजी नर्सिंग होम, हास्पिटलों में कार्यरत डाक्टर, नर्स, विभिन्न विद्यालयों की प्रधानाचार्य व प्रधानध्यापिका व मंडल की महिला आरक्षी उपस्थित थी। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डीआईजी ने कहा कि यौंन उत्यपीड़न से पीड़ित महिला चाहे तो वह इस कानून के अलावा फौजदारी कानून के अंतर्गत भी अपना केस दर्ज कर सकती है । उन्होने कहा कि कार्यशाला में 250 से अधिक लोगों को पुलिस के यूपी कॉप ऐप्प डाउनडोल कराकर आनलाइन शिकायत दर्ज कराने, आपातकालीन सेवाओं के बारे में जानकारी दी गयी। गुड टच, बैड टच के बारे में छात्राओं को जागरूक करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यही नहीं पुलिस यह चाहती ऐसा माहौल बने की यह शिक्षा सतत रूप से जारी रहे। उन्होने कहा कि कार्यशाला में आयी महिलाओ ंने अपनी-अपनी समस्याओं को रखा। जिससे हमें भी उनकी समस्यओं के बारे में जानकारी मिली है।
वही कार्यशाला में मौजूद महिलाओं ने पुलिस के इस तहर की कार्यशाला के आयोजनों को काफी सराहा। उनका कहना था कि कार्यशाला में हमें जो पुलिस विभाग ने जानकारी दी वे काफी महत्वपूर्ण है। हमारी जो समस्याऐं थी सभी ने कार्यशाला में साझा किया। इससे हमें कानूनी रूप से भी एक अच्छी जानकारी मिली है। ऐसे कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर होने से और भी अधिक जानकारी मिलेगी।