निरहुआ का पूर्व प्रधानमंत्री को शत-शत नमन ! भाजपा नेताओं ने किया माल्यार्पण

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रिपोर्ट : खबरी लाल

आजमगढ़ : युवा तुर्क के नाम से मशहूर रहे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की आज पुण्यतिथि है। उनके 80वें जन्मदिन के एक हफ्ते बाद ही 8 जुलाई 2007 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका देहांत हो गया था। चंद्रशेखर से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिन्हें आज भी सुनाया जाता है। कहा जाता है कि वो पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने राज्य मंत्री या केंद्र में मंत्री बने बिना ही सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। चन्द्रशेखर का आजमगढ़ से विशेष सियासी रिश्ते थे। पहली बार जब आजमगढ़ के विश्राम राय को टिकट मिला तो उन्होंने यह कहकर उस टिकट को चन्द्रशेखर को दे दिया कि चन्द्रशेखर मुझसे ज्यादा बेहतर जनसेवा कर सकते हैं।

आजमगढ़ ज़िले के जहानागंज स्थित चंद्रशेखर ट्रस्ट पर आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चंद्रशेखर सिंह का 12 वीं पुण्यतिथि मनाई गयी। पुण्यतिथि के मौक पर पहुंचे भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ ने चंद्रशेखर जी के व्यक्तिव् पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजमगढ़ के लोग चंद्रशेखर जी का बहुत सम्मान करते थे। बता दे कि बलिया के इब्राहिमपट्टी से किसान परिवार से सीधे प्रधानमंत्री बनने वाले चन्द्रशेखर का आजमगढ़ से विशेष सियासी रिश्ते थे। पहली बार जब आजमगढ़ के विश्राम राय को टिकट मिला तो उन्होंने यह कहकर उस टिकट को चन्द्रशेखर को दे दिया कि चन्द्रशेखर मुझसे ज्यादा बेहतर जनसेवा कर सकते हैं। जब देश की सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का जमीनी अध्ययन करने की सोचा तो भारत की पदयात्रा की। और उस पदयात्रा के क्रम वे आजमगढ़ भी आयें। पदयात्रा के क्रम जब वे जहानागंज के रामपुर गाँव पहुंचे तो यहाँ की महिलाओं और पुरूषों ने आरती उतारी थीं जिसके कारण उनका इस गाँव से विशेष लगाव था और उन्हीं स्मृतियों को संजोने के लिए यशवंत सिंह ने चन्द्रशेखर स्मारक ट्रस्ट की स्थापना की। आप को बता दे कि उनकी मृत्यु के बाद भारत में पहली प्रतिमा उनकी आजमगढ़ के जहानगंज में लगी। आज उनकी पुण्यतिथि है और एक बार फिर प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया।