
रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय
आजमगढ़ : डेढ़ वर्ष पूर्व हुई बनविहारी मिश्रा हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। बनविहारी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके चचेरे भाई ने ही पत्नी के अवैध सम्बन्ध के राजफाश के बाद साजिश के तहत बनविहारी की गोली मारकर हत्या की थी। और खुद पुरानी रंजीश में दूसरे को फंसाकर हत्या का चश्मदीद गवाह बन गया था। लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने छानबीन के बाद हत्यारोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद किया है।
आजमगढ़ जिले के गंभीरपुर थाना क्षेत्र में दस जून को खरैला गांव के रहने वाले वनबिहारी मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस घटना में वनबिहारी के चचेरे भाई व होमगार्ड के जवान धर्मेन्द्र मिश्रा चश्मदीद गवाह था। घटना के बाद धर्मेन्द्र ने वनबिहारी मिश्रा से पुरानी रंजीश रखने वाले चार लोगों को हत्यारोंपी बना दिया। पुलिस ने जब चश्मदीद गवाह धर्मेन्द्र को गवाही के लिए बुलाया तो वह पहले आना-कानी किया और बाद में फरार हो गया। तभी से पुलिस को उसके उपर शक था। जिसको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई थी। छानबीन में पुलिस को पता चला कि उसका चचेरा भाई बनविहारी मिश्रा का धर्मेन्द्र मिश्रा की पत्नी से अवैध सम्बन्ध था। एक दिन धर्मेन्द की बेटी ने अपत्तिजनक हालत में दोनों को देख लिया और इसकी शिकायत पिता धर्मेन्द्र से की। तभी से धर्मेन्द्र बनविहारी की हत्या के लिए साजिश रचना शुरू किया। इसी तहत उसने दस जून को एक बाइक पर बनविहारी को लेकर कई स्थानों पर घूमता रहा और दोनों शराब पी। रोहुआर गांव के समीप लघुशंका के लिए बनविहारी उतरे तभी धर्मेन्द्र ने उसकी तमंचे से गोलीमारकर हत्या कर दी। इस मामले में धर्मेन्द्र बचने के लिए गांव में बनविहारी से चल रही पुरानी रंजीश में चार लोगों फंसा दिया था। क्राइम ब्रांच के प्रभारी संजय सिंह ने डेढ़ वर्ष बाद आज आरोपी धर्मेन्द्र मिश्रा को फरिहा बाजार के समीप एक ढाबे से गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद कर लिया।
वही हत्यारोपी ने भी जुर्म को स्वीकार किया और कहा कि पत्नी से अवैध सबन्ध होने की जानकारी के बाद ही उसने अपने चचेरे भाई की साजिश के तहत गोली मारकर हत्या कर दी और पुलिस से बचने के लिए फरार हो गया था।