KHABRI LAL : सत्ता के गुरुर में दबंगई और पुलिस को बता रहे हैं गुंडा

0
792
Advertisement Girl in a jacket

 

 

आजमगढ़ : जिले में सत्ता में रहते हुए नेताओं की दबंगई आम बात है लेकिन यह पहली बार है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक साथ मिलकर पुलिस के साथ दबंगई की और उसे गुंडा करार दे दिया। हद तो तब हो गयी जब सत्ताधारी दल के पूर्व जिलाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि यहां कि पुलिस दिन दहाड़े डकैती तो रोक नहीं सकती चली है वाहन पकड़ने। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा और नेता कानून का मजाक उड़ाते हुए जिला मजिस्ट्रेट की आफिस के सामने अपनी वाली करने में सफल रहे।

 

हुआ यूं कि सत्ता पक्ष के दजर्नो नेता अपने वाहनों से कलेक्ट्रेट पहुंचे थे कुछ विपक्षी दल सपा के भी थे। आमतौर पर कलेक्ट्रेट जाने वाले अपना वाहन कलेक्ट्रेट पार्किंग अथवा मेहता पार्क में खड़ी करते हैं लेकिन सत्ता के गुरूर में भाजपाइयों ने अपना वाहन नो पार्किंग जो में सड़क पर खड़ी कर दिया। सपाई भी इन्हीं के पीछे वाहन लगाए थे। इसी बीच वहां यातायात पुलिस पहुंची और नो पार्किंग जोन में खड़ी सभी कारों को लाक कर दिया। इसकी जानकारी जब नेता लोगों को हुई तो वे भड़क गए और पुलिस से नोकझोक करने लगे। बात बढ़ी तो भीड़ भी वहां पहुंच गयी। पुलिस कर्मी कानून की दुहाई देते रहे लेकिन नेता उन्हें डांटते फटकारते रहे। मजबूर होकर पुलिस ने सत्ता पक्ष के लोगों के वाहन से लाक हटाना शुरू कर दिया, फिर क्या था सपा के नेताओें को भी गुस्सा आ गया और वे भी पुलिस से भिड़ गए। फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने मिलकर पुलिस को घेरना शुरू कर दिया और उनकी कार्रवाई को गुंडागर्दी करार दिया। चुंकि लाक भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हरेंद्र सिंह के भी वाहन में लगा था इसलिए वे कुछ ज्यादा ही आपा खो दिये। बात इतनी बढ़ गयी कि टीएसआई को सभी वाहनों का लाक खोलकर छोड़ना पड़ा। यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। वैसे हद तब हो गयी जब हरेंद्र सिंह मीडिया के सामने आये और अपनी ही सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बिना नोटिस के इस तरह पुलिस किसी की गाड़ी नहीं पकड़ सकती। इनकों आकर बताना चाहिए था कि आज गाड़ी हटा लीजिए कल से मत खड़ी करिएगा लेकिन बिना किसी सूचना के दसो वाहनों को बंद कर दिया। यह सीधे तौर पर पुलिस की गुंडई और मनबढ़ई है। मुझे लगता है यहा कि पुलिस पूरी तरह फेल है दिनदहाड़े तीन बजे डकैती होती तो ये लोग कुछ कर नहीं पाते और लोगों की गाड़ी बिना सूचना के बंद कर देते आखिर यह बताना क्या चाहते है। हम सत्ताधारी दल के है हमारी भी गाड़ी बंद कर दिया इसका मतलब दिखाना चाहते है कि हम बड़े हैं सत्ता बड़ी नहीं है।