आज़मगढ़ पहुची गुजरात पुलिस के हाथ खाली ! ट्रांजिट रिमांड के चक्कर मे फंसा मामला,सिमी के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र को मिली जमानत

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रिपोर्ट : प्रिंस यादव

आजमगढ़ : गुजरात के कच्छ में दर्ज मुकदमें में सिमी के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र की गिरफ्तारी के बाद उसे गुजरात ले जाने के प्रयास में जुटी पुलिस को बड़ा झटका लगा है। पुलिस ने शाहिद बद्र की ट्रांजिट रिमांड के लिए आज उसे सीजेएम न्यायालय में पेश किया लेकिन दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रिमांड देने से मना कर दिया। सीजेएम आलोक कुमार ने शाहिद बद्र को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतने ही रुपयों के दो जमानतदार देने पर रिहा करने का आदेश दिया है ।

बता दें कि आजमगढ़ जिले के मनचोभा निवासी शाहिद बद्र प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) का संस्थापक सदस्य है। बाद में उसे इस संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। डा. शाहिद बद्र के खिलाफ गुजरात के कक्ष में वर्ष 2001 में भड़काऊ भाषण देने का मामला पंजीकृत हुआ था। 2002 में केंद्र की एनडीए सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था। शाहिद बद्र आज भी संगठन से प्रतिबंध हटवाने के लिए लड़ रहा है। वर्ष 2001 में दर्ज मुकदमें में शाहिद बद्र के खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बद्र का सही पता न होने के चलते आज तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। जब उनका पूरा पता चला तो गुजरात पुलिस की चार सदस्यीय टीम भुज ए डिविजन के इंस्पेक्टर युवारज सिंह जडेजा के नेतृत्व में गुरूवार को आजमगढ़ पहुंची और उसे देर शाम गिरफ्तार कर लिया था। गुजरात पुलिस उसे अपने साथ ले जाना चाहती थी। इसलिए उसका ट्रांजिड रिमांड लेने के लिए कोर्ट में पेश किया था लेकिन कोर्ट से उन्हें रिमांड नहीं मिली।