
रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय
बलरामपुर : पहले कोरोना फिर लाॅक डाउन और अब सजना को शादी से पहले किस्मत ने धोखा दे दिया। 850 किमी साइकिल से दूरी तय करने के बाद भी वह शादी के मंडप के पहुंचने के बजाय क्वारंटाइन सेंटर पहुंच गया। और अब इसे नियति मानते हुए युवक अपने साथियों के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन पूरे होने का इंतजार कर रहा है।
बतादें महाराजगंज जिले के पिपरा रसूलपुर गांव का रहने वाले सोनू कुमार चौहान जो पंजाब के लुधियाना में रोजी-रोटी के लिए एक दुकान में काम कर रहा था। लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया। 15 अप्रैल को सोनू की शादी भी तय थी। 10 अप्रैल को उसने घर पहुंचने के लिए रिजर्वेशन भी करा लिया था लेकिन देश में लॉकडाउन के बाद सभी ट्रेनें निरस्त हो गईं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हो गए ऐसे में उसने घर तक पहुंचने का सफर अपने तीन साथियों वीरेंद्र कुमार पासवान, दिलीप चौहान और राकेश के साथ साइकिल से ही करने की ठानी। 6 दिन में लगभग 850 किलोमीटर की दूरी तय करते हुये सोनू अपने साथियों के साथ बलरामपुर पहुंचा। बलरामपुर सीमा पर पहुंचते ही पुलिस ने इन लोगों को रोक लिया। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया उसके बाद पुलिस ने सोनू और इसके साथियों को आगे जाने की इजाजत नही दी। मंजिल तक पहुंचने से पहले ही सोनू व उसके साथियों को लॉकडाउन का पालन करा रही पुलिस ने पकड़ लिया और क्वारंटाइन कर दिया गया। बलरामपुर के क्वारंटाइन सेन्टर में रखे गये सोनू कुमार चौहान की शादी भी नही हो सकी। इस समय सोनू बलरामपुर के रिश्ता दरबार में बनाए गये क्वारंटाइन सेन्टर में है। सोनू ने शादी का हवाला देते हुये घर जाने की इजाजत मांगी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की खातिर क्वारंटाइन पीरियड खत्म होने से पहले पुलिस-प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। शादी न होने का अफ़सोस जताते हुए सोनू का कहना है कि यदि हम घर पहुंच गये होते तो बिना किसी तामझाम के शादी हो सकती थी। लेकिन अब तो शादी की तारीख भी निकल चुकी है। अब जब शादी की तिथि भी आगे निकल गयी है तो सोनू ने भी इसे नियति मानते हुए अपने साथियों के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन पूरे होने का इंतजार कर रहा है।