KHABRI LAL : खाकी से प्रतिशोध की आग में वर्षो तक सुलगता रहा खूंखार लक्ष्मण,प्रोफेसर ने अंजाम को किया पूरा

0
993
Advertisement Girl in a jacket

 

 

रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय

आजमगढ : पूर्वांचल का कुख्यात डेढ़ लाख का इनामी बदमाश लक्ष्मण यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सेवानिवृत्त डीआईजी के परिजनों ने भी जहां राहत की सांस ली है, वही पुलिस को धन्यवाद दिया। बता दें कि सन् 1985 में लक्ष्मण यादव के पिता रामदरश यादव की भी पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गयी थी। पिता के मौत के बाद लक्ष्मण यादव को यह शक था कि अम्बेडकर नगर जिले के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के चोरमरा कमालपुर गांव के रहने वाले डीआईजी जेपी सिंह ने ही उसके पिता को मुठभेड़ में मरवाया है। बस फिर क्या था लक्ष्मण यादव और डीआईजी जेपी सिंह के बीच अदावत शुरू हो गयी। डीआईजी जेपी सिंह सेवानिवृत्त हो गये। करीब 34 सालों का लम्बा अंतराल भी गुजर गया, लेकिन लक्ष्मण यादव ने डीआईजी जेपी सिंह के परिवार को निशाने पर ही रखा। इसी बीच मौका मिलते ही लक्ष्मण यादव अपने साथी सुनील के साथ मिलकर सितम्बर 2019 में सेवानिवृत्त डीआईजी जेपी सिंह के भाई रवि प्रताप सिंह को गोली मारकर हत्या कर दिया था। जिसके बाद से ही डीआईजी का परिवार काफी खौफ में जी रहा था। इसके बाद पदुमपुर कस्बे में निजी क्लिनिक संचालक लक्ष्मीकांत यादव को गोली मारकर घायल कर दिया। आज जब पुलिस ने उसे इंकाउंटर में ढेर किया तो डीआईजी के परिजन काफी खुश है। उनका कहना है कि पुलिस अधीक्षक प्रोफ़ेसर त्रिवेणी की टीम ने जान पर खेलकर ग्राम प्रधान समेत कई ज़िंदगियाँ बचा ली। आजमगढ़ पुलिस ने शानदार काम किया है।