
रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय
आजमगढ़ : कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार द्वारा जारी की गयी गाइड लाइन की जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रथम चरण में टीका स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाना है लेकिन यहां महिला अस्पताल में पहुंच कर एक आम आदमी ने न केवल टीका लगवा लिया बल्कि सोशल मीडिया पर प्रमाण पत्र भी वायरल कर दिया। इसका खुलासा होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब विभाग के लोग सफाई दे रहे हैं कि उक्त व्यक्ति एक अस्पताल के चिकित्सक के साथ पहुंचा और खुद को कर्मचारी बताकर टीका लगवा लिया। मामले की जांच के बाद इस मामले में कार्रवाई का दावा भी किया जा रहा है।
बता दें कि शासन ने कोरोना टीकाकरण के प्रथम चरण में सिर्फ फ्रंट लाइन हेल्थ वर्करों को टीका लगाने की योजना बनाई थी। इन्हीं फ्रंट लाइन हेल्थ वर्करों का नाम कविड-19 पोर्टल पर दर्ज भी किया गया था। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पहले चरण के लिए कुल 16089 हेल्थ वर्कर पंजीकृत किए गए थे। इसमें सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के स्टाफ शामिल थे। अन्य फ्रंट लाइन वर्करों के लिए अब तक टीकाकरण की कोई डेट निर्धारित नहीं है। इसके बाद भी जिले के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर टीकाकरण का दावा करते हुए प्रमाण पत्र पोस्ट किया है। इसके साथ ही उसने यह मैसेज भी डाला है कि मैने कोरोना का टीका लगवा लिया है। टीकाकरण जिला महिला अस्पताल बूथ पर करवाए जाने का दावा किया गया है। इसकी जानकारी होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। अधिकारी टीकाकरण को फेक बताकर मामले से पल्ला झाड़ने में जुटे हैं। वहीं सीएमएस अमिता अग्रवाल का कहना है कि एक व्यक्ति के टीकाकरण की बात सामने आ रही है। उक्त व्यक्ति एक निजी अस्पताल के चिकित्सक के साथ आया था। पता चला है कि खुद को उनका स्टाप बताते हुए टीका लगवा लिया है। मामले की जांच की जा रही है।