
रिपोर्ट : रोशन मिश्रा
वाराणसी : जब-जब देश में कोई बड़ी विपदा आयी है तब-तब देश को संकट से उबारने के लिए काशी से संखनाद हुआ है। यही नहीं काशी के कोतवाल महाकाल भैरव भी लोगों के साथ खड़े होते हैं और संकट को हर लेते हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीर उस समय भी सामने आयी जब पूरा देश कोरोना के संकट से घिरा है और लोग खुद को बचाने के लिए पिछले 14 दिनों से घरों मे कैद हैं। बावजूद इसके अभी तक कोरोना को खत्म करने का कोई विकल्प सामने नही आया। जिससे ना सिर्फ आमजन भयभीत है बल्कि सूबे के मुखिया भी चिंतित दिख रहे हैं। जिसके बाद सीएम ने धर्म गुरुओं से मदद मांगी है। वाराणसी से संकटमोचन व आईआईटी बीएचयू के प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र,यमुनेश्वर आश्रम के संचालक अजीत मिश्र,महंत अभयानंद वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल रहे।
सीएम योगी ने राज्य के 377 धर्मगुरुओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इसका मकसद कोरोना के खिलाफ जंग में धर्मगुरुओं के प्रभाव का इस्तेमाल करना है। योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की शुरुआत वाराणसी से की। सबसे पहले सीएम संकटमोचन के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र,यमुनेश्वर आश्रम के संचालक अजीत मिश्र,महंत अभयानंद से मुखातिब हुए। महंत संकटमोचन ने कहा कि आज हम सभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर त्यौहारों में घरों में रहने और सुरक्षित रहने की अपील की। महंत जी ने सुझाव दिया कि चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाया जाए मगर ट्रांसपोर्ट को एक साथ न चलाया जाए उससे इंफेक्शन के ट्रेवल करने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, जिस पर सीएम ने विचार को अमल में लाने की बात कही। वीडियो कांफ्रेंसिंग से ख़त्म होने के बात मीडिया से बातचीत के दौरान यमुनेश्वर आश्रम के संचालक अजीत मिश्र ने बताया कि धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग में लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाने को लेकर चर्चा हुई है। सीएम योगी ने दो दिन पहले भी विधायको के साथ मीटिंग मे कहा था कि लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। आज भी सीएम योगी ने धर्मगुरुओं के साथ वीडियों कांफ्रेस में कहा कि धर्म गुरु अपने शहर के लोगों को समझाएं कि लॉकडाउन हटने का मतलब ये नही कि सब कुछ सामान्य हो गया है। एहतियात आगे भी रखना होगा। सीएम की अपील हम काशी के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे जिससे काशी क्षेत्र से कोरोना नामक खतरनाक वायरस से यहां के लोगों को बचाया जा सके।