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आजमगढ़ : आधार कार्ड इनेबल पेमेंट सिस्टम से पीड़ित बैंक उपभोक्ताओं के बायोमैट्रिक अंगूठे की क्लोनिंग कर लाखों रुपये निकाल कर शॉपिंग करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़ कर एक सदस्य को गिरफ्तार करने में आजमगढ़ ज़िले की पुलिस को सफलता मिली है। इसके पास से लैपटॉप, बायोमैट्रिक जांच मशीन व मोबाइल बरामद हुआ है। हालांकि गिरोह का सरगना अभी भी फरार है जबकि पुलिस उसके जल्द गिरफ्तार कर कई मामलों के और खुलने की बात कह रही है। एसपी आजमगढ़ त्रिवेणी सिंह ने अपने कार्यालय में इस प्रकार के साइबर क्राइम के मोडस ऑपरेंडी के बारे बताया और इससे बचने के उपाय की जानकारी दी। क्लोंनिग तैयार करना इन्होने यूट्यूब से सीखा।
पकड़ा गया साइबर अपराधी राकेश साहनी पुत्र लालचंद आजमगढ़ ज़िले के रौनापार थाना क्षेत्र के खैराघाट का निवासी है। एसपी ने बताया कि इसके गिरोह में मुन्ना साहनी, बृजेश यादव, विजय यादव व सर्वेश मौर्या हैं जो अभी फरार हैं। गिरोह के लोग गाँव में बाजारों में खुले कॉमन सर्विस सेंटर या बैंकों के एजेंटों के पास मौजूद माइक्रो एटीएम मशीन से उपभोक्ताओं के अगूंठे का निशान लेकर उसका क्लोन तेरा कर लेते थे और फिर आराम से जरुरत के मुताबिक रूपये निकाल लेते थे। ग्रामीण उपभोक्ताओं को जब तक पता चलता तब तक देर हो जाती। रौनापार के नौब्रार द्वारा जदीद किता प्रथम के रामअवध के खाते से 57 हज़ार व महराजगंज थाना के शंभूपुर निवासिनी रीना के खाते से 35 हज़ार रुपये निकाल लिए गए थे।