
रिपोर्ट : अवनीश उपाध्याय
आजमगढ़ जिले में घटित कई मामलों की रिपोर्ट लिखाने के लिए जहां पीडि़तों के चप्पल घिस जा रहे है। वहीं जालसाज एजाज सहित अन्य लोग पुलिस, डाक्टर सहित अन्य की मिली भगत से थानों में फर्जी मुकदमा लिखवाकर लोगों को फंसाकर उनका जीवन बर्बाद कर रहे हैं। इससे ना केवल पुलिस बल्कि पूरे सिस्टम की पोल खुलती नजर आ रही। पीड़ित जब एसपी दरबार पहुंचा और आलाधिकारियों से न्याय की गुहार लगायी तो पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कर रही है।
आजमगढ़ ज़िले के सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार गांव में जमीनी विवाद के चलते मो. कैश और उसके भाई को गोली मारी गई थी। इस मामले में मो. कैश ने गांव के विपक्षी एजाज सहित चार लोगों के विरुद्ध हत्या का प्रयास, मारपीट और तोडफ़ोड़ की धारा में केस दर्ज कराया था। फरवरी 2018 में जेल से बाहर आने के बाद एजाज दर्ज मुकदमे सुलह के लिए कैश पर दवाब बनाने लगा। वह तैयार नहीं हुआ तो उसके खिलाफ जिले के पांच थानों में संगीन धाराओं में पांच फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। जांच में गंभीरपुर, फूलपुर और सरायमीर में दर्ज मुकदमे हुए खारिज। महराजगंज और शहर कोतवाली में पत्रावली तलब कर पुन: जांच का आदेश दिया गया है। जालसाज एजाज रुपयों के बल पर फर्जी केस लिखाने में माहिर है। उसके गिरोह में पुलिस और जिला अस्पताल के डाक्टर कर्मचारी भी शामिल हैं।
पीडि़त मो. कैश के खिलाफ गंभीरपुर थाने में पहली झूठी रिपोर्ट 26 जनवरी 2018 को दर्ज हुई। जिसमें एजाज की तरफ से दर्शाया गया है कि मोहम्मदपुर तिराहे पर 16 जनवरी 2018 की शाम घात लगाए प्रधान असलम, कैश का भाई आजम और हकीमुद्दीन खड़े थे। यह लोग उसके भाई को गोली मार कर घायल कर दिया। जांच में यह मामला फर्जी पाए जाने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। इसके बाद दूसरा फर्जी मुकमदा 26 जून 2018 को फूलपुर कोतवाली में हत्या के प्रयास और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिसमें मो. कैश का भाई आफताब सहित तीन लोगों को आरोपी बनाया गया। यह भी मामला जांच में फर्जी निकलने पर खत्म कर दिया गया। तीसरी रिपोर्ट 19 जून 2018 को महराजगंज थाने में मारपीट और हत्या के प्रयास की दर्ज कराई गई। इसमें पुलिस 28 अगस्त को मो. कैश आदि को बयान दिलाने की नोटिस भेज रही। इसी दिन चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी। इसी तरह से शहर कोतवाली और सरायमीर थाने में फर्जी केस दर्ज कराई गई। पीडि़त मो. कैश की शिकायत पर एसपी ग्रामीण ने महराजगंज और सीओ सिटी ने शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे की पत्रावली कोर्ट से तलब कर पुन: विवेचना का आदेश दिया है। वही एसपी ग्रामीण का कहना है कि जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में जो और लोग भी शामिल है जाँच में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
आप को बता दे कि पुलिस, डाक्टर और कर्मचारियों की मिली भगत से विपक्षी एजाज और उसके लोगों की तरफ से फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। वह सभी मुकदमे घटना के दस से पंद्रह दिन बाद ही थाने में लिखे गए हैं। सभी मामलों में गोली लगने से घायल होने वालों का इलाज जिला अस्पताल में तैनात एक ही डाक्टर द्वारा किया गया है। भर्ती होते ही डाक्टर ने मरीज को रेफर कर दिया। जबकि वह किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि पीड़ित मो. कैश को कब तक न्याय मिल पाता है और सिस्टम के साथ खेल रहे इन जिम्मेदारों पर कब कार्रवाई होगी यह देखने वाली बात होगी।