
लखनऊ : कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आजकल यूपी की सियासत में विपक्ष की भूमिका में नजर आ रही हैं. सोशल मीडिया के जरिए वो लगातार केंद्र में मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर है. वहीं सपा-बसपा की खामोशी के पीछे की रणनीति क्या है यह समझ के परे है.
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद एक तरफ जहां सपा-बसपा के बीच जुबानी जंग छिड़ी है तो वही दूसरी तरफ प्रियंका ट्विटर के जरिए यूपी की कानून-व्यवस्था से लेकर अनुदेशकों के मानदेय को कम किए जाने को लेकर योगी सरकार को घेरने का काम कर रही हैं. कांग्रेस देश भर में भले ही संजीवनी तलाश रही है, लेकिन महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी को अपना लक्ष्य बना लिया है. सपा और बसपा की खामोशी के बीच प्रियंका गांधी एक तरफ अपने संगठन को दोबारा खड़ा करने में जुटी हैं. तो दूसरी तरफ उनकी नजर यूपी से जुड़े हर छोटे बड़े मुद्दे पर है. चाहे महिला हिंसा की घटना हो या फिल अनुदेशकों का मामला. प्रियंका गांधी लगातार ट्विटर पर एक्टिव हैं. लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से समाजवादी पार्टी में सन्नाटा पसरा है. सपा की तरफ से प्रदेश के अहम मुद्दों पर प्रतिक्रिया तक नहीं मिल पा रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी नये कलेवर के साथ मैदान में उतरेगी. वहीं कांग्रेस के संगठन को मजबूती देने के लिए प्रियंका पार्टी के भीतर और बारह दोनो जगह एक्टिव हैं. इसी कड़ी में प्रियंका गांधी जुलाई में पूर्वी यूपी का सघन दौरा कर सकती हैं. संगठन को मजबूत करने के लिए प्रियंका ने दिल्ली में पिछले एक महीने में लगभग 960 लोगों से मुलाकात की है. जिसमें नेता कार्यकर्ता, महिलाएं और छात्र भी शामिल हैं.
बता दें कि पूर्वी यूपी में संगठन संवारने की जिम्मेदारी विधायक अजय लल्लू को सौंपते हुए यहां 6 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 2-2 संयोजकों के नाम का एलान भी कर दिया गए है. साथ ही लोकसभा चुनाव में अनुशासनहीनता की शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन कर दिया गया है. हर ज़िले में संगठन को संवारने की जिम्मेदारी सौंपते हुए 2-2 संयोजकों की टीम को हर जिले में कम से कम दो दिन बिताने के निर्देश भी दिए गए हैं.
जल्द ही पश्चिमी यूपी में भी उपचुनाव के लिए कोऑर्डिनेटरों की घोषणा कर दी जाएगी. पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए इस बार प्रियंका गांधी खुद यूपी में लंबा वक्त बिताने वाली हैं. माना जा रहा है कि उपचुनाव की तैयारी के लिए प्रियंका खुद हर छोटे बड़े मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर चुकी हैं.