!! राष्ट्रपिता का ह्रदय आहत !! गांधी का अपमान या फिर गांधीगिरी टाँय टाँय फीस

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इटावा : शताब्दी एक्सप्रेस का कन्फर्म टिकट होने के बाद भी कोच कंडक्टर ने एक वृद्ध को कोच में सिर्फ इसलिए प्रवेश नहीं करने दिया क्योंकि उसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह धोती को अपने शरीर से लपेट रखा था और उसने पैर में रबर की चप्पल धारण कर रखी थी. बाबा ने इस अपमान को रेलवे की शिकायत पुस्तिका में दर्ज कराकर बस से गंतव्य को रवाना हुए. आप को बतादें बाराबंकी के मूसेपुर थुरतिया के रहने वाले बाबा रामअवध दास ने इटावा जंक्शन से गाजियाबाद के लिए 4 जुलाई को कानपुर से नई दिल्ली के लिए सीट शताब्दी एक्सप्रेस (12033) में ऑनलाइन टिकट बुक करवाया था. ट्रेन के C-2 कोच में 72 नंबर सीट कंफर्म थी, ट्रेन जब सुबह 7.40 बजे इटावा आई तो वह निर्धारित कोच में चढऩे लगे तभी गेट पर मौजूद सिपाही ने उनको रोक लिया. इस दौरान कोच कंडक्टर ने बाबा को ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया.नाराज बाबा ने कहा कि मैं इस घटना की शिकायत रेलमंत्री से करूंगा. इसके बाद ट्रेन के बजाय बस से गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए. बता दें कि 7 जून 1893 को दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ट्रेन से धक्के मारकर सिर्फ इसलिए उतार दिया गया था क्योंकि वह अश्वेत थे. ठीक ऐसी ही घटना 126 वर्ष बाद इटावा जंक्शन पर घटी जो अब चर्चा का केंद्र बन गई है.