बजट में मध्य वर्ग, महिलाओं को तोहफा तो अमीरों पर बढ़ा टैक्स, पेट्रोल-डीजल और सोना महंगा

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बजट पेश करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया जा चुका है। इसमें नई योजनाओं, नए अभियानों एवं कार्यक्रमों के ऐलान से बचा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण के पहले बजट में आम नागरिकों के ईज ऑफ लिविंग बढ़ाने पर जोर दिया गया। आइए बजट के बड़े ऐलानों पर डालते हैं एक नजर।

हाइलाइट्स

  • मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट में टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किफायती घर खरीदने के लिए होम लोन इंट्रेस्टर पर टैक्स छूट बढ़ाई
  • सीतारमण ने अपने पहले बजट में अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूली के प्रस्ताव किए
  • स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अभ मुद्रा योजना के तहत 1 लाख रु. तक लोन ले सकती हैं

नई दिल्ली
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट से कुछ उम्मीदें पूरी हुईं तो कुछ पर पानी फिर गया। देश की पहली महिला पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में मध्य वर्ग को सीधे-सीधे टैक्स स्लैब्स में तो छूट नहीं दी, लेकिन घर और वाहन खरीद पर राहत का ऐलान जरूर किया। वहीं, अमीरों की कमाई पर सेस बढ़ाने और बैंक खाते से सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी पर 2 प्रतिशत पहली बार सेस लगाने का ऐलान किया गया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत में ही ‘मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक’ का नारा दिया।

मध्य वर्ग को राहत
ई-वीकल्स खरीदने वालों को ऑटो लोन पर डेढ़ लाख रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स से छूट मिलेगी। इसके अलावा अब 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने पर लोन के ब्याज पर मिलने वाली कुल छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख हो गई है। दरअसल, होम लोन पर ब्याज भुगतान पर टैक्स में 2 लाख रुपये तक की छूट दी जाती थी, लेकिन 31 मार्च 2020 तक लिए गए लोन के लिए चुकाए जाने वाले ब्याज पर टैक्स में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट देने का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक, 15 साल के लोन पीरियड में घर खरीदार को अब 7 लाख रुपये का लाभ होगा।

अमीरों की बढ़ी जिम्मेदारी
मोदी सरकार ने भले ही टैक्स स्लैब नहीं बदलता है, लेकिन ज्यादा कमाई करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ा दी है। अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा और साथ ही 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाने पर 7 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इसके अलावा अगर कोई बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का टीडीएस लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे। सरकार ने यह व्यवस्था नकदी लेनदेन की आदत खत्म करने के लिए लाई है। वहीं, डिजिटल पेमेंट पर कन्ज्यूमर से कोई अतिरिक्त चार्ज या एमडीआर नहीं वसूला जाएगा।

पेट्रोल-डीजल, सोना महंगा
पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपये सेस बढ़ाया गया। गोल्ड और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया।

“यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है।”-निर्मला सीतारण, वित्त मंत्री

पैन नहीं तो नो टेंशन, सिर्फ आधार से होगा
जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, उन्हें सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब जहां कहीं भी पैन कार्ड की जानकारी मांगी जाएगी, वहां आधार नंबर देकर काम पूरा किया जा सकेगा। इसलिए अब इनकम टैक्स भरने के लिए पैन की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अगर पैन की जगह आधार नंबर दे दिया जाए तो इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने की छूट मिल जाएगी।

एक सरकारी बैंक से सारे बैंकों तक पहुंच की सुविधा
आम नागरिकों की जीवन आसान बनाने (ईज ऑफ लिविंग) के लिए ऑनलाइन पर्सनल लोन, डोर स्टेप बैंकिंग, एक सरकारी बैंक में खाता खुलवाकर सारे सरकारी बैंकों की सुविधा लेने की छूट देने जैसी व्यवस्था की जा रही है। अभी किसी के खाते में कोई दूसरा व्यक्ति कैश जमा कराता है तो खाताधारक को उस व्यक्ति के बारे में पता नहीं चल पाता है। इससे खाताधारक मुश्किल में पड़ जाता है। हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिससे खाताधार को यह पता चले कि उसके खाते में कौन कैश जमा करवा रहा है।

99.3% कंपनियों को बड़ी राहत
400 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को 25% के सबसे निचले टैक्स स्लैब के दायरे में ला दिया गया है। इससे पहले 250 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियां ही इस दायरे में थीं। नए फैसले से अब 99.30 प्रतिशत कंपनियां 25% के कॉर्पोरेट टैक्स के दायरे में आ जाएंगी जबकि सिर्फ 0.70 प्रतिशत कंपनी ही इससे बाहर रहेंगी।

महिला उद्यमियों को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने कहा कि इस सरकार ने मुद्रा, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) जैसी तमाम योजनाओं से विमन आंट्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, ‘आगे भी महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए विमन एसएचजी इंट्रेस्ट सबवेंशन प्रोग्राम को हर जिले में लागू करने का प्रस्ताव करती हूं।’ बजट भाषण में कहा गया कि हर महिला वेरिफाइड एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) मेंबर जिसके पास जनधन अकाउंट है, उन्हें 5 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट फसिलिटी दी जाएगी। साथ ही, मुद्रा योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की हर वेरीफाइड महिला सदस्य को 1 लाख रुपये तक लोन लेने की अनुमति दी जाएगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना का दूसरा चरण
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में 2020 से 2021-22 के दौरान 1.95 करोड़ घरों के आवंटन का लक्ष्य रखा गया है। इनमें शौचालय, बिजली कनेक्शन और गैस (एलपीजी) की सुविधा होगी। 2015-16 में इस योजना के तहत घर बनाने में 314 दिन लग जाया करते थे, लेकिन प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्लैटफॉर्म के इस्तेमाल से इसे घटाकर अब महज 114 दिनों तक ला दिया गया है।

ग्रामीण रोजगार के लिए स्फूर्ति योजना की शुरुआत 
यह देखते हुए कि आज भी देश की बड़ी आबादी गावों में रहती है और खेती और पारंपरिक व्यवसायों पर निर्भर रहती है, स्किम ऑफ फंड फॉर अपग्रेडेशन ऐंड रीजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (SFURTI) योजना के तहत ज्यादा कॉमन फसिलिटी सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे और ऐग्रो रूरल इंडस्ट्री सेक्टर में 75 हजार स्किल्ड आंट्रप्रन्योर्स तैयार किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के उगाए फसलों में मूल्यवर्धन के लिए प्राइवेट आंट्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा देगी। सरकार बांस, लकड़ी और रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में किसानों को बड़ी मदद देने जा रही है। हमारी सरकार अन्नदाता को ऊर्जदाता भी बनाएगी। इसके लिए बहुत सारे कार्यक्रम तैयार किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
मोदी सरकार ने पिछले 1000 दिनों में 130 से 135 कि.मी. लंबी सड़कें रोज बनाईं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रीन टेक्नॉलजी के इस्तेमाल से 30 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जा चुकी हैं। इसमें वेस्ट प्लास्टिक और कोल मिक्स्ड टेक्नॉलजी से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1.25 लाख कि.मी. सड़कों को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 80,250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग
भारत में हर साल 20 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत है। इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंसिंग के लिए साधनों को लेकर कई सुधारों के प्रस्ताव किए गए हैं। क्रेडिट गारंटी एन्हैंसमेंट कॉर्पोरेशन के लिए आरबीआई से नोटिफेशन आ चुका है। इसकी स्थापना 2019-20 में हो जाएगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड्स और एनबीएफसी की ओर से जारी डेट सिक्यॉरिटीज में एफआईआई और एफआई निवेश को घरेलू निवेशकों को निश्चित अवधि के लिए ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाएगी।

बजट भाषण में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर विशेष जोर दिया गया। वित्त मंत्री ने सड़क, जलमार्ग और वायुमार्ग को मजबूती प्रदान करने के मोदी सरकार के लक्ष्यों का जिक्र किया। सरकार नदियों से मालवहन करने का नजरिया रखती है। जलमार्ग विकास परियोजना के तहत वाराणसी में एक मल्टिमॉडल टर्मिनल नवंबर से फंक्शनल है। साहिबगंज और हल्दिया में दो और टर्मिनल्स बन रहे हैं।

डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू में 78% वृद्धि
प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) से प्राप्त राजस्व में 78% की वृद्धि हुई है। इसके 6.38 लाख करोड़ वित्त वर्ष 2013-14 करीब 11.37 लाख करोड़ 2018-19 हर वर्ष दोगुनी गति से बढ़ रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने नागरिकों की आशा, विश्वास और आकांक्षा के दम पर पिछले पांच वर्षों में देश की जीडीपी में 1 लाख करोड़ रुपये जोड़े। इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी।