शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रदूषित कण गर्भनाल को प्रभावित करने के साथ सीधे बच्चे तक पहुंचकर उसके दिमाग को भी क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि प्रदूषित इलाके में रहने वाली महिलाओं के चार साल के बच्चे का आईक्यू औसतन 2.5 अंक तक कम पाया गया है और अधिकतम 6.8 अंक कम पाया गया है।
गर्भावस्था में धूप कम सेंकने से बच्चों में सीखने की क्षमता कम होती है गर्भावस्था में अगर सही मात्रा में धूप न ली जाए और कम अल्ट्रावायलट एक्सपोजर मिले तो बच्चों में लर्निंग डिसेबलिटी यानी कुछ भी न सीखने की स्थिति का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में किए गए एक शोध में इस बात का दावा किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो के शोधकर्ताओं द्वारा किए शोध में गर्भावस्था के दौरान धूप न मिल पाने और लर्निंग डिसेबिलिटी के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध देखने को मिला।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने शेल्बी काउंटी के टिनेशी नामक स्थान के 1005 बच्चों को शामिल किया। इसमें कहा गया है कि सड़क के प्रदूषण का बच्चों के आईक्यू से कोई नाता नहीं है। साथ ही सड़क से नजदीक घर होने पर भी बच्चों के आईक्यू पर असर नहीं पड़ता है। शोधकर्ताओं की चिंता *मुख्य रूप से पीएम 10 पदार्थ है जो हवा के जरिये सीधे शरीर में घुसकर बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि यह गर्भनाल के साथ बच्चे के डीएनए को भी क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। हालांकि, शोध में यह भी कहा गया है कि अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए इस तरह के अभी और भी अध्ययन की जरूरत है।
- 20 फीसदी बच्चे बीमारी लेकर जन्म लेते हैं उन महिलाओं के जो प्रदूषित वायु लेती हैं।
- 6.8 अंक तक कम आईक्यू पाया गया प्रदूषित इलाके में रहने वाली महिलाओं के बच्चों में।
- गर्भवती महिला के प्रदूषित इलाके में रहने के कारण उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है।