
डेस्क रिपोर्ट : प्रिंस यादव
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करने वाले प्रतीक त्रिपाठी ने एक बार फिर आजमगढ़ जिले का नाम रौशन किया है। इससे पहले भी वह बिहार न्यायिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके है। वर्तमान में वे पटना में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर कार्ररत है। दूसरी बार अपने प्रदेश में न्यायिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर तीसरा स्थान पाने वाले प्रतीक के परिजन ही नहीं पूरा जिले में हर्ष की लहर है।
मूलरूप से आजमगढ़ के शहर कोतवाली के लक्षिरामपुर स्थित गांधीनगर कालोनी निवासी प्रतीक के पिता हरीश त्रिपाठी वर्तमान में बरेली में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज हैं। छह दिसंबर 1992 को गोरखपुर में जन्मे प्रतीक की प्राथमिक शिक्षा कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में पूरी हुई। उसके बाद प्रतीक ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज से राजनीति शास्त्र में आनर्स की डिग्री ली। घर में न्यायिक सेवा का माहौल होने की वजह से प्रतीक ने 2012 में ग्रेजुएशन के बाद बीएचयू से एलएलबी व एलएलएम किया। इसके बाद से लगातार न्यायिक सेवा की तैयारी में जुटे रहे। इस दौरान प्रतीक ने नई दिल्ली पहुंचकर कोचिंग का सहारा लिया। प्रतीक को पहली सफलता बिहार ज्यूडिशियल सेवा में मिली। बिहार पीसीएस में प्रतीक को आठवां स्थान मिला था। 2017 में बिहार न्यायिक सेवा में चयनित होने के बाद से प्रतीक पटना में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं। प्रतीक की बड़ी बहन जागृति बीएचयू से एलएलएम कर रही हैं। मां प्रमिला त्रिपाठी गृहणी है। बेटे के दूसरी बार पीसीएसजे की परीक्षा की उत्तीर्ण करने से पूरे परिवार को खुशी का ठिकाना नहीं है ।