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आजमगढ़ : भाजपा के पूर्व सांसद एवं वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी के नेता रमाकांत यादव को केंद्र सरकार की तरफ से मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा सरकार ने वापस ले लिया। करीब तीन वर्ष पूर्व रमाकांत के ऊपर होने वाले खतरे को देखते हुए दी गई थी। सुरक्षा हटाने से पहले सरकार ने जिला प्रशासन से जांच करवाकर रिपोर्ट मांगी थी। जिस पर प्रशासन की तरफ से रमाकांत के ऊपर दर्ज तमाम आपराधिक मुकदमों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट भेजा गया था। जिस पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया गया।
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले रमाकांत यादव की पहचान एक बाहुबली नेता के रुप में है। वर्ष 2009 में भाजपा के टिकट पर सदर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए रमाकांत यादव वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से चुनाव हार गए थे। जिस समय रमाकांत चुनाव हारे उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। बावजूद इसके रमाकांत यादव चुनाव में मुलायम सिंह यादव जैसे दिग्गज नेता को जीत के लिए नाको चने चबाने पड़ गए थे। रमाकांत यादव के ऊपर करीब 40 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। मुलायम सिंह यादव से चुनाव हारने के बाद रमाकांत यादव ने अपनी जान को खतरा बताते हुए केंद्र सरकार से सुरक्षा की मांग की थी। जांच पड़ताल के बाद केंद्र सरकार की तरफ से मार्च 2015 में रमाकांत को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। भाजपा में रहते हुए रमाकांत यादव द्वारा कई शीर्ष नेताओं पर अभद्र टिप्पणी करने और इनके आपराधिक छवि को देखते हुए भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत को दरकिनार कर दिया। इनके स्थान पर पार्टी की तरफ से भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा। पार्टी के इस दाव से नाराज रमाकांत यादव ने भाजपा का दामन छोड़ दिया और कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भदोही से चुनाव लड़ा और हार गए। रमाकांत के पार्टी का दामन छोडऩे के बाद इन्हें दी गई सुरक्षा की समीक्षा कराई गई। साथ ही जिला प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगा गया। जिला प्रशासन की रिपोर्ट और समीक्षा परिणाम के बाद 19 जून को रमाकांत यादव को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा हटा ली गई।