
अब खून की एक बूंद न सिर्फ हार्ट अटैक का अलर्ट देगी बल्कि आपका दिल कितना कमजोर है, यह भी बता देगी। इसके लिए बीएनपी नामक जांच करानी पड़ेगी। कानपुर के लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों ने इस जांच को शुरू किया है। अभी तक अटैक की आशंका का पता लगाने के लिए ईसीजी के अलावा खून में कार्डियक ट्रोपोनिन की जांच की जाती है। ट्रोपोनिन का स्तर कम होने पर दिल के दौरे की संभावना कम मानी जाती है लेकिन शोध बताते हैं कि यह तरीका सटीक नहीं है।
बी टाइप नेट्रीयूरेक्टिक पेप्टाइड यानी बीएनपी जांच की सुविधा अभी तक संस्थान में उपलब्ध नहीं थी। मरीज को हार्ट या धमनियों में ब्लॉकेज है? ब्लॉकेज काफी पुराना है या 24 घंटे पहले का है? पहले कभी हार्ट अटैक पड़ा तो नहीं था, इसकी जांच के लिए ट्रॉप-टी जांच की सुविधा थी। हार्ट फेल्योर की रफ्तार क्या है इसका पता नहीं चल पाता था। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी का रुख करना पड़ता था जहां बीएनपी से मिलती-जुलती जांच से इसका पता चल पाता था। इसके अलावा कार्डियोलॉजी में खून के थक्के जमने की नई तरह से जांच शुरू होगी। डी- टाइमर जांच से खून के जमाव का स्तर उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही थायइराड की जांच भी संभव होगी। नए वायरल मार्कर से गंभीर वायरस की जांच शुरू कर दी गई है इनमें एचआईवी, एचसीवी और हिपेटाइटिस-बी की चतुर्थ जनरेशन की जांच है। अहम बात है कि ये सभी जांचें किट नहीं बल्कि हाईटेक मशीनों से की जाएंगी। इससे संक्रमण के स्तर का जल्द पता चलेगा।
सावधान होने की जरूरत
– दिल की धमनियों और मांसपेशियों में कमजोरी से अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
– सिगरेट, गुटखा और शराब का सेवन करने वाले सबसे ज्यादा रिस्क फैक्टर में
– बढ़ती उम्र के साथ दिल की धमनियों से खून को पंप करने की क्षमता घटती है।
– 50 वर्ष की आयु के बाद दिल की धमनियां कमजोर होने पर हो सकती है दिक्कत
निजी अस्पतालों से सस्ती
– 3500 से 4000 रुपए में प्राइवेट लैब में होती है बीएनपी जांच
– एक हजार रुपए मात्र में हो जाएगी कर्डियोलॉजी में यह जांच
यह तुरंत पता चल जाएगा
– आपका दिल कितना कमजोर कितना स्वस्थ है।
– दिल की मांसपेशियां खून को पंप करने की क्षमता खो रही हैं।
– धीरे-धीरे हार्ट फेल तो नहीं हो रहा है, क्या खतरा है।
प्रो. विनय कृष्णा (निदेशक कार्डियोलॉजी) ने कहा- संस्थान की पैथोलॉजी को अत्याधुनिक मशीनों से लैस किया गया है। यहां आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की जांच के लिए बाहर नहीं जाना होगा। बीएनपी की सुविधा भी शुरू कर दी गई है जिससे मरीजों के दिल का पूरा हाल पता चल जाएगा। इससे डॉक्टरों को इलाज करने में सहूलियत होगी।