
[अरुण श्रीवास्तव, काउंसलर]। अपने करियर को लेकर अक्सर छात्र कंफ्यूज रहते हैं। छात्रों और माता-पिता के मन में कई ऐसे सवाल होते हैं जिनके जवाब जानना बेहद जरूरी होता है ताकि सही समय पर सही मंजिल पर पहुंचा जा सके। ऐसे ही कुछ सवाल नीचे दिए गए हैं, जिनके जवाब हो सकता है आपकी भी मदद कर सकें-
कैसे बनाऊं डांस से पहचान?
मेरी बेटी ने पीसीबी से बारहवीं किया है। नीट में उसे 290 अंक मिले थे। कृपया उसके बेहतर करियर के लिए मार्गदर्शन करें। -अजित, ईमेल से
अगर आपकी बेटी अगले साल भी नीट में शामिल होना चाहती है और उसे अपनी काबिलियत पर भरोसा भी है, तो फिलहाल उसे नीट के सिलेबस के उन खंडों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिसमें उसे कम अंक मिले हैं। हां, अगर कोई दुविधा या डर है, तो निरर्थक प्रयास कतई नहीं करना चाहिए। यदि उसकी रुचि होम्योपैथ, आयुर्वेद आदि में है, तो अब इसमें भी बेहतर करियर है। इसके अलावा, फार्मेसी, फीजियोथेरेपी, रेडियो इमेजिंग, मेडिकल लैब टेक्नीशियन आदि में भी आकर्षक संभावनाएं हैं। इन सभी में भी तमाम क्षेत्र हैं, जिनमें अपनी रुचि के अनुसार आगे बढ़ा जा सकता है।
आइएएस, आइपीएस में मैथ्स और इंग्लिश अनिवार्य है क्या? -एक पाठक, ईमेल से
आइएएस, आइपीएस संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने जाते हैं। तीन चरणों वाली इस परीक्षा में वैसे तो मैथ्स और अंग्रेजी की कोई अनिवार्यता नहीं है, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा के अनिवार्य प्रश्नपत्र ‘सी-सैट’ (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्ट) में बुनियादी मैथ्स और सामान्य अंग्रेजी से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। दरअसल, देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा के अधिकारी से लगभग हर विषय की सामान्य जानकारी और सूझबूझ की अपेक्षा की जाती है, जिसे जांचने के लिए ही इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। मुख्य परीक्षा के एक अनिवार्य विषय के रूप में भी सामान्य अंग्रेजी का प्रश्नपत्र होता है। इसे क्वालिफाई करना जरूरी होता है। हालांकि इसके अंक मेरिट लिस्ट बनाते समय जोड़े नहीं जाते।
मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूं और इस बात को लेकर दुविधा में हूं कि 11वीं में कौन-सी स्ट्रीम लूं? कृपया बताएं कि नॉन-मेडिकल या कॉमर्स, कंप्यूटर साइंस, बिजनेस स्टडीज, इकोनॉमिक्स में से किसमें भविष्य में बेहतर संभावनाएं हो सकती हैं? -राजाकुमार, ईमेल से
इस बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनी रुचियों/पसंद से जुड़े विषय के बारे में विचार करना चाहिए। अगर आप अपनी रुचि के विषय में खुद को विशेषज्ञता की ओर ले जाते हैं, तो आज के समय में लगभग हर विषय में जोरदार संभावनाएं/ अवसर हैं। हां, अगर अपनी पसंद को ठीक से समझने में भी दुविधा हो रही है, तो इससे निकलना कोई मुश्किल नहीं है। कुछ दिन अपनी आदतों, व्यवहार, गतिविधियों आदि पर गौर करें और इस बारे में परिजनों से भी राय लें। कुछ ही दिन में आप अपनी रुचियों/पसंद के क्षेत्र को पहचान सकेंगे। इसके बाद विषय और स्ट्रीम के बारे में निर्णय लेना आसान हो जाएगा। जिसमें आपका मन लगे, वही विषय आपको पहचान दिलाएगा।