
आजमगढ़ : कभी अंडरवर्ड, तो कभी आतंकवाद को लेकर सुर्खियों में रहने वाला जिला एक बार फिर उन जालसाजों की गिरफ्तारी को लेकर सुर्खियों में है जो क्लोनिंग कर लोगों का नकली एटीएम कार्ड बनाकर उनके खातों से रुपये निकालने का काम करते थे। माइक्रोस्किमर मशीन के जरिए एटीएम कार्ड का पूरा डाटा चुरा लेते थे। गिरफ्तार किए जाने वालों में एक बैंक मित्र और दूसरा इस प्रकार की मशीन की सप्लाई करने वाला है। इस गिरोह का नेटवर्क मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद जैसे महानगरों तक फैला हुआ है। पुलिस गिरफ्तार दोनों आरोपियों का चालान कर गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।
आजमगढ़ जिले के एसपी प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सूरज यादव तरवां थाना क्षेत्र के मेहरुपुर गांव निवासी और दूसरा सुजीत यादव जौनपुर जिले के केराकत कोतवाली क्षेत्र के शहाबुद्दीनपुर गांव का रहने वाला है। एसपी ने बताया कि 30 अप्रैल को तरवां थाने के कम्हरियां गांव निवासी निर्मल विश्वकर्मा के खाते से 76 हजार रुपये निकाल लिया। यह लोग मशीन से भी छेड़छाड़ किया। 14 जून को इसकी रिपोर्ट दर्ज कर तरवां थाने की पुलिस जांच शुरू की तो इन दोनों की संलिप्तता उजागर होने पर एसओ तरवां सैफ हुसैन मुन्तजर ने दोनों को खरिहानी बाजार से गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से एक लैपटाप, एक स्किमर डिवाइस, एक कार्ड राइटर, आठ पुराने एटीएम कार्ड बरामद हुआ। गिरफ्तार किए जाने वालों में सूरज यादव बैंक मित्र है। जबकि सुजीत यादव माइक्रोस्किमर मशीन की सप्लाई करता है।
एसपी प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने बताया कि बैंक मित्र होने की वजह से सूरज के यहां अक्सर लोग आते हैं। वह लोगों का एटीएम कार्ड लेकर धोखे से क्लोनिंग मशीन का प्रयाग करके कार्ड स्वाइप कर लेता था। क्लोनिंग मिनी टूल्स के माध्यम से कार्ड राईटर के जरिए एटीएम कार्ड की क्लोन कापी (दूसरा एटीएम कार्ड) तैयार कर लेते हैं। एसपी ने बताया कि कार्ड तैयार करने के बाद उसे मुंबई, दिल्ली, अहमदबाद जैसे बड़े महानगरों में मौजूद अपने एजेंटो को थमा देते हैं। उनके द्वारा संबंधित व्यक्ति के खाते से खाता मालिक और क्लोनिंग वाले कार्ड दोनों से रुपये निकाले जाते हैं। अब तक इस गिरोह के सदस्य दस हजार से अधिक नकली एटीएम कार्ड बनाकर करोड़ो रुपये खातों से उड़ा चुके हैं। एसपी का कहना है कि इनके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है और उन्हें चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।