
बलिया : एएन 32 के विमान हादसे में शहीद सूरज कुमार सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंचा। वायु सेना के जवान तिरंगे से लिपटे सूरज के शव को लेकर जैसे ही बैरिया के चिरैयामोड़ पर पहुंचे तो जनसैलाब उमड़ पड़ा। सूरज के पार्थिव शरीर के साथ काफिला शोभाछपरा गांव की ओर चलता गया। नम आंखों से हजारों लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। तीन जून को असम के जोरहाट सेंटर से वायुसेना के 13 जवान एएन 32 विमान पर सवार होकर अरुणांचल प्रदेश के मेचूका एयरफोर्स सेंटर के लिए उड़ान भरा था। इसके बाद अरुणांचल प्रदेश के लोपो गांव के पास पहाड़ी पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लेकिन उस समय विमान लापता होने की खबर थी। इसलिए परिजन सूरज के वापस आने की उम्मीद लगाए बैठे थे। एयरफोर्स के जवानों को 9 जून को विमान का मलवा मिला तो इसकी सूचना परिजनों तक पहुंची और सभी की धड़कने तेज होने लगी। जोरहाट सेंटर के एयरफोर्स के कमांडिंग अफसर ने 11 जून को स्पष्ट कर दिया कि विमान में सवार 13 जवानों की विमान हादसे में मौत हो चुकी है। सूरज के छोटे भाई प्रिंस ने अपने पिता विनोद को फोन द्वारा सूरज की मौत की सूचना दी। इसके बाद से ही शहीद का शव आने की हर रोज परिजन आस लगाए बैठे रहे। ग्यारहवें दिन शुक्रवार को सूरज का शव परिजनों के बीच पहुंचा तो किसी के आंसू नहीं थमे। सूरज की पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। सूरज की पत्नी ने रोते हुए अपने पति के पार्थिव शरीर को सलाम किया।